संघर्ष कैसे ख़त्म करें इसके बारे में एक कहानी
रचित की कहानी
इसका उपयोग कैसे करें?
रचित के लिए निष्कर्ष
अब आगे क्या?
अब क्या, अब आएगी बाढ़ उन सभी बातों की जो जीवन में रह गईं। अब एहसास होगा कि यह क्या हो गया। इतना सारा समय चला गया, क्या से क्या कर सकते थे। अब मचेगी भागदौड़, एक साथ सारी बातें सामने आएंगी और कुछ समझ नहीं आएगा कि कहाँ से शुरू करें और करे तो क्या करें, क्योंकि हर जगह कमियाँ हैं। पिता जब खिलाफ हो और परिवार को भी कर दे, तो उसमें जो नहीं हो पाता है, वही सारी कमियाँ हैं।
लेकिन घबराना नहीं, एक खुशी है कुछ सही से शुरू करने की और बाकी सारे गम, जो सब चीजों के सामने आ जाने से हैं। समझ नहीं आएगा कि खुशी पर ध्यान देना है या बाकी कमियों पर । फिर भी घबराना इसलिए नहीं क्योंकि तुम्हारे अंदर समझ है जो पहले से बेहतर है। तुमने जितना वक्त कठिनाइयों में बिताया है, उतना ही खुद को संवारा भी है। तुम्हें खुद ही अपनी काबिलियत को ढूँढना है और उसी पर ध्यान केंद्रित करना है। कुछ नहीं गया है; गया वही है जो तुम्हारे लिए मददगार नहीं था, चाहे पूरा परिवार ही क्यों न हो। और इतना वक्त लगाने का यह फायदा है कि तुम्हें जिंदगी में कभी भी अपने परिवार को छोड़ने का गम नहीं होगा। तुम अपने फैसले पर दुबारा डगमगाओगे नहीं, क्योंकि तुमने दस वर्ष परिवार को और बीस वर्ष पिता को दिए हैं, जो बहुत बड़ी बात है, बहुत लम्बा समय है । और इसी तरह के फैसले जिंदगी में कुछ बड़ा करने की पृष्ठभूमि तैयार करते हैं।