31-07-2023, 25-08-2024

सन 2013-2024
[परिवार की मदद नहीं]
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कुछ कुछ बातें और व्यवहार ऐसे हुए है जिनको समझना मुश्किल है |


माँ को करीब दस वर्षों से थोड़ा थोड़ा कह रहा है की वो अपनी बहन से भाई से बात करे घर की स्थिति की, कुछ साझा करे, सलाह ले | बड़ी बहन को कह रहा है की अपने भाई बहनों से हम मिलकर बात करते है, छोटी बहन से भी कई बार कह चूका है | किसी को कोई रूचि नहीं है |

और रचित की कोई भी बात या सलाह भी कोई नहीं मान रहा है |


10 वर्ष का था तब से पैसे कमाने में लगाया हुआ था, 20 का हुआ तब अपने तरीके से कमाने में लगना चाहा और कामयाब हुआ, लेकिन तब से पिता के लिए बुरा बन गया, और उसके कहने पर एक एक करके बाकी सभी परिवार के लिए भी बुरा हो गया, चाहे माँ हो, दोनों बहनें हो या उनके बच्चे | बस इतना सा रिश्ता था? पिता का काम नहीं करके अपना काम करना यह गलती थी? इसके अलावा रचित ने कुछ भी किसी से साथ बहुत बुरा किया हो तो बताये, और किसी एक ने भी कोई भी मदद की हो तो बताये | परिवार के नाम पर ढोंग है सब के सब |



01/05
इतना सब कुछ हो रहा है, परिवार में किसी को कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा, बात करने की कोशिश करे तो गुस्सा होते है, किसी को समय ही नहीं है, किसी को बात ही नहीं करनी | इतने साल हो गए इतनी सारी समस्याएं है लेकिन किसी को कुछ नहीं मदद करनी |

02/05
उल्टा कुछ कुछ बातें और व्यवहार ऐसे हुए है जिनको समझना मुश्किल है, सभी ने कुछ न कुछ अलग अलग समय में लम्बे समय तक जिस तरह से बर्ताव किया है वो सवाल खड़े करता है विश्वाश और अपनापन कम करता है, और इन सब पर रचित बात करने को तैयार रहा इतने साल उसका भी मजाक ही बना किसी को कोई परवाह नहीं अपनापन नहीं |

03/05
जितना वह कोशिश करता है, उतना ही उसे तरह-तरह के सवालों का सामना करना पड़ता है और सारे जवाब देने के बाद भी कोई किसी भी प्रकार से निश्चिंत नहीं कर रहा |

04/05
और जब दोनों सगी बहने और माँ मदद नहीं कर रही तो और भी बहन भाई है रचित किसी से भी मदद ले इस बारे में बात करे तो इससे भी सबको बहुत परेशानी होती है, की घर की समस्या बाहर क्यों कह रहा है रचित |

05/05
रचित कई वर्षों से यह कोशिश कर रहा है की घर में अन्य भाई बहनों से चाचा से भी मदद ले कि उनको साथ में रखकर बातचीत करें | सब साथ बैठकर जो भी समस्या है, उस पर विचार-विमर्श करें और कोई समाधान ढूंढें, उसमे भी बहनों को आकर कोई बात साफ नहीं करनी है | लेकिन इससे सभी को रचित की स्थिति समझ आयी है | सभी ने अब रचित के पिता को, माँ को और दोनों सगी बहनों को परखा है देखा है और समझा है इन वर्षों में |




पिता से दुखी बच्चा ज्यादा अपनापन और प्यार ढूंढेगा और अपनों के पास रहना चाहेगा, और ज्यादा परिवार के पास आएगा, आसानी से दूर नहीं जायेगा | पिता से दूर होने का कारण पिता है ही लेकिन घर से दूर होने, परिवार से दूर होने का कारण परिवार खुद ही है | यही रचित के अंदर बाकी सभी रिश्तेदारों ने हमेशा देखा महसूस किया है |


करोड़ो की सम्पति, पिता और पूरा परिवार, सब छोड़ कर कोई बच्चा घर से निकल जाता है, और दस वर्ष किराये के घर में रहता है | और आगे भी वहीं रहने में खुश है, तो समस्या बच्चे में नहीं उसके परिवार में है |