कहानी में 10 चैप्टर हैं, जिनमें से एक में रचित की जिंदगी का गहराई से विवरण दिया गया है। बाकी चैप्टरों में यह समझने की कोशिश की गई है कि संघर्ष से बाहर कैसे निकला जा सकता है और इनसे उत्पन्न तनाव और मानसिक उत्पीड़न को कैसे पार किया जा सकता है। अंत में, चैप्टर 10 में यह गहराई से चर्चा की गई है कि 'जीवन को पुनः कैसे शुरू करें।'

इस कहानी में दो मान्यताओं को मजबूती से माना गया है:
"संघर्ष खत्म होता ही है।"
"फिर से सामान्य जिंदगी जीना संभव है।"

हालांकि, संघर्ष पूरा करने के बाद सामान्य जीवन में ढलना कहीं अधिक कठिन होता है, लेकिन इसकी चर्चा अक्सर नहीं होती।

कहानी का उद्देश्य अपने सपनों का उपयोग कर अपनी समस्याओं को हल करने और अंततः उन्हें पूरा करने के अनुभव साझा करना है। साथ ही, परिवार में बैड-टच (बुरे स्पर्श) की गंभीरता को समझाना है, किस तरह से यह बुराई पीढ़ियों तक असर करती है |

पारिवारिक मुश्किल परिस्थितियाँ—जैसे माता-पिता का अपनत्व नहीं होना, बुरे-स्पर्श की समस्या, या बहनों का साथ न मिलना—बच्चों के लिए कितनी कठिन हो सकती हैं। अगर बच्चे इन परिस्थितियों को अपने साथ लेकर चलते रहें, तो उनके परिणाम कितने गंभीर हो सकते हैं।

इसका उपयोग कैसे करें?

कहानी में रचित का संघर्षपूर्ण जीवन दर्शाया गया है और यह कि वह मानसिक जटिलताओं, अवसाद के दौर, सवालों और अस्थिर भावनाओं से कैसे उबरता है।

यह ज़रूरी नहीं है कि हर व्यक्ति एक जैसी समस्याओं का सामना करे। समस्याएँ भिन्न प्रकार की हो सकती हैं और उनकी आवृत्ति (frequency) कम या ज़्यादा हो सकती है। अपने संघर्ष को रचित के संघर्ष से जोड़कर और इस पुस्तक में दिए गए सुझावों को अपनाकर, आप अपने संघर्ष को हल्का करने का तरीका या इसे देखने का एक नया दृष्टिकोण प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया आपके लिए प्रेरणा और व्यावहारिक समाधान का स्रोत बन सकती है।

कुछ लेख आपकी बहुत मदद करेंगे और कुछ कम उपयोगी हो सकते हैं। समस्याएँ जितनी हल्की होंगी, बाद के लेख उतने ही उपयोगी होंगे। इसलिए आप उन्हें चैप्टर या शीर्षक के अनुसार छोड़ सकते हैं और जो उपयोगी लगे, उसे पढ़ सकते हैं।